| 1. | ठंडी रूई का फाहा गर्दन पर रखें।
|
| 2. | इसी तेल में रूई का फाहा बनाकर योनि के अन्दर रोजाना रखें।
|
| 3. | इसी तेल में रूई का फाहा बनाकर योनि के अन्दर रोजाना रखें।
|
| 4. | कच्चे दूध में रूई का फाहा डुबो कर भी लगा सकती हैं।
|
| 5. | कच्चे दूध में रूई का फाहा भिगोकर चेहरा साफ़ करने से कील
|
| 6. | दाँत अथवा दाढ़ के दर्द में इसमें रूई का फाहा भीगोकर लगायें।
|
| 7. | दूर्वादि घृत में रूई का फाहा डुबोकर, फाहे में लंबा धागा बांध दें।
|
| 8. | फिर रूई का फाहा खोलकर उसमें लिपटी वस्तु को जख्म पर रगड़ते थे।
|
| 9. | 2. आँखों की जलनः रूई का फाहा गुलाबजल में भिगोकर आँखों पर रखें।
|
| 10. | 2. आँखों की जलनः रूई का फाहा गुलाबजल में भिगोकर आँखों पर रखें।
|